Sunday, February 25, 2018

सोशल : तो क्या दवाओं ने ली श्री देवी की जान ?





सोशल मीडिया में श्रीदेवी की मौत के बाद से ही ये चर्चा का विषय है की आखिर इतनी फिट दिखने वाली श्री को अचानक ऐसा क्या हुआ की उनकी जान चली गई. दुबई की अखबार ने लिखा है कि जब उन्हें हार्ट अटैक आया तो वो बाथरूम में गिर पड़ीं. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. दुबई के खलीज टाइम्स को ये जानकारी देते हुए संजय कपूर ने कहा कि वो पूरी तरह से सदमे में हैं. उन्होंने आगे कहा कि श्रीदेवी को हार्ट से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी.  
अब जब श्रीदेवी को कोई बीमारी नहीं थी तो उन्हे अचानक क्या हो गया. जाहिर है अटकलों का बाजार गरम है. तो ऐसे में आम धारनाओ के बीत जो बात है उसका मुल्याकन कर ये समझा जा सकता है कि क्या किसी तरह की दवाओं ने श्रीदेवी को मौत के मुंह में धकेल दिया. जाहिर है हर कलाकार चकाचौंध की दुनिया में खुद को सबसे ऊपर बनाए रखने के लिए कई तरह के प्रयोग और संयमित जीवन जीने की कोशिश करते है. जबसे फेसबुक,ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी चीजें आई है तबसे सबके अंदर एक खास तरह की चाह पैदा हुई है और वो है खुद को सबसे अच्छा दिखा कर चर्चा के केंद्र में आने के लिए.
मौत को दावत देने का खेल भी यहीं से शुरु होता है. आम तौर पर नागरिक तो रोजमर्रा की जिंदगी में फंसा रह जाता है लेकिन जो कलाकार है वो इसी चकाचौंध में रहते है और खुद को फीट बनाए रखने के लिए योगा और एक्सरसाइज करते है. लेकिन कई कलाकार या ज्यादातार कलाकार कई तरह की दवाइयों का सहारा लेते है. बढ़ती उम्र के साथ खुद को सुंदर बनाए रखने की चुनौती तो हर किसी के सामने होती है और बढती उम्र आपके अंदर कमजोरियां पैदा करता है औऱ आपको दवाओं की तरफ रुझान करने के लिए मजबुर करता है. श्रीदेवी भी 54 साल की हो चुकी थी लेकिन वो देखने में आज भी बिल्कुल चांदनी की तरह थी ऐसे में जाहिर है वो भी कई दवाओ और बोटेक्स जैसी चीजों का सहारा लेती होंगी ! बढ़ती उम्र के साथ वजन भी बढता है ऐसे में वजन घटाने के लिए कई लोग एक्सरसाइज या योग का सहारा लेते हैं तो वहीं कुछ लोग वजन घटाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन दवाइयों में सिबट्रामिन होता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है। वजन घटने के लिए इस्तेमाल की गई दवाइयों से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसी दवाइयों के इस्तेमाल का सबसे पहला साइड इफेक्ट हमारे पेट में होता है। इन दवाइयों के कारण कब्ज, एसिडिटी और दस्त जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इन दवाइयों के खाने से शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है, जिसके कारण कई बार मल्टीविटामिन गोलियों को खाने की जरूरत पड़ती है। इन गोलियों के अधिकांश तत्व विटामिन को अवशोषित करते हैं , जिससे शरीर की क्षमता कम होती है। वजन घटाने वाली दवाएं खाने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है। इन दवाइयों के खाने से शारीरिक असहजता हो जाती है. वजन कम करने वाली गोलियों में सिबट्रामिन नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को ट्रिगर करता है। इस कारण से भूख का लगना कम हो जाता है। इसके साथ शरीर को कई ओर भी साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ता है। इनकी वजह से हाइपरएक्टीविटी, हॉट फ्लैश और बल्डप्रेशर जैसी चीजों का शिकार हो जाते है. ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि वजन घटाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो एक्सरसाइज या योग का सहारा ले सकते हैं। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का वजन भी घट जाएगा और कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होगा।  लेकिन श्री देवी के मामले में भी अनुमान यही लगाया जा रहा है ऐसे में क्या सच में श्रीदेवी को दवाओं ने मौत की नींद सुला दी ? इसका जवाब तो श्रीदेवी और बॉनी कपूर ही दे सकते है. श्री देवी तो हमारे बीच रही नहीं औऱ बॉनी कपूर से कोई ये सवाल पूछने की हिम्मत अभी जुटा नहीं पाएगा. तो सच के लिए हम सबको इंतजार करना होगा.  

Saturday, February 24, 2018

कैसी थी श्री देवी की जिंदगी ?






सुनो ये किस्सा पुराना तो है लेकिन झूठा नहीं है...
लोग मिटा करते है, हस्तियां नहीं !
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श्रीदेवी एक ऐसी अदकारा थी जिनको हर वर्ग स्वीकार करता था....पढ़िए कुछ रोचक किस्से !
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को शिवाकाशी, तमिलनाडु में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम श्रीअम्मा यंगेर अय्यपन था। श्रीदेवी की मातृभाषा तमिल है।

 श्रीदेवी के पिता एक वकील थे और मां गृहिणी थी। इनकी एक बहन और 2 सौतेले भाई भी थे।
 उन्होंने 1967 में थिरुमुघम की फिल्म 'थुनाईवन' से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी, जब वे केवल 4 वर्ष की थीं। बॉलीवुड में उन्होंने 1975 में आई हिट फिल्म 'जूली' में बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की थी।
 1979 में हिन्दी फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री के रूप में वे फिल्म 'सोलवां सावन' में आईं लेकिन उन्हें पहचान 1983 में आई फिल्म 'हिम्मतवाला' से मिली।
 श्रीदेवी ने अपने करियर में हिन्दी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम किया है। 13 वर्षीय श्रीदेवी ने तमिल फिल्म 'मोन्दरु मूडीचु' में रजनीकांत की सौतेली मां का अभिनय किया था।
 श्रीदेवी ने जब बॉलीवुड में शुरुआत की, तब वे हिन्दी में बात करने में सहज नहीं थीं इसलिए उनकी आवाज ज्यादातर नाज द्वारा डब गई थी। इसके अलावा फिल्म 'आखिरी रास्ता' को रेखा ने डब किया था। श्रीदेवी ने पहली बार फिल्म 'चांदनी' में अपने संवाद के लिए डब किया।
 कहा जाता है कि मिथुन चक्रवर्ती और श्रीदेवी ने गुपचुप शादी कर ली थी लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों अलग हो गए। उनकी शादी का प्रमाण-पत्र मीडियावालों के हाथ लगा था।

 1996 में श्रीदेवी ने अनिल कपूर और संजय कपूर के बड़े भाई फिल्म निर्माता बोनी कपूर से शादी कर ली और वे अर्जुन कपूर की सौतेली मां थी।
 श्रीदेवी की 2 बेटियां हैं जिनके नाम जाह्नवी और खुशी हैं। यही नाम उनके पति बोनी कपूर की फिल्म जुदाई (1997) और हमारा दिल आपके पास है (2000) की नायिकाओं के भी थे। श्रीदेवी हमेशा अपनी बेटी जाह्नवी के साथ बालकनी में खड़ी होती थीं, जब बोनी कपूर काम पर जाते थे।


श्रीदेवी ने बचपन में एक बच्ची के रूप में तेलुगु सुपरस्टार एनटी रामाराव के साथ काम किया और कुछ साल बाद उनकी हीरोइन बनी। बाद में एक फिल्म में उनके बेटे बलराज राव के साथ भी उन्होंने काम किया।

 श्रीदेवी ने फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' के गीत 'दुश्मन दिल का वो है' के लिए 25 किलो से अधिक वजन की स्वर्ण पोशाक पहनी थी जिसकी शूटिंग 15 दिनों तक चली थी।

 श्रीदेवी को पेंटिग में बहुत रूचि है। मार्च 2010 में उनके चित्रों को एक अंतरराष्ट्रीय कला नीलामी हाउस द्वारा बेचा गया और इससे मिले पैसे को दान किया गया। श्रीदेवी की इस कला के दीवानों में सलमान खान और मनीष मल्होत्रा शामिल हैं जिनके घर की दीवारों पर श्रीदेवी के बनाए चित्र लगे हुए हैं।

 श्रीदेवी को बॉलीवुड में सर्वश्रेष्ठ डांसर्स में से एक माना जाता था। कहा जाता है कि उनके गाने और डांस की लोकप्रियता की वजह से ही लोग उनकी फिल्मों के बारे में जानते थे। श्रीदेवी को डांसर्स में शम्मी कपूर और माइकल जैक्सन बहुत पसंद थे।
 श्रीदेवी बॉलीवुड की सबसे ज्यादा कमाई वाली अभिनेत्रियों में से एक थी। वे एकमात्र ऐसी अभिनेत्री थीं, जो 90 के दशक में लगभग एक करोड़ रुपये प्रति फिल्म लेती थी।

श्रीदेवी की 3 हिट फिल्में ऐसी थीं जिसमें उन्हें दूसरे विकल्प के रूप में चुना गया था। 'नगीना' को जयाप्रदा, 'चांदनी' को रेखा और 'सदमा' को डिम्पल कपाड़िया ने नकारा था।

 श्रीदेवी ने करीब 3 दशकों के टॉप हीरो के साथ परदे पर रोमांस किया था। 1970 के दशक के सितारे राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, जीतेन्द्र, ऋषि कपूर, 80 के दशक के सितारे सनी देओल, संजय दत्त, अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ और 90 के दशक के शाहरुख खान, अक्षय कुमार, सलमान खान की नायिका श्रीदेवी बनी हैं। 60 के दशक के धर्मेन्द्र की भी वे हीरोइन बनी थी।
 श्रीदेवी की पसंदीदा अमेरिकी अभिनेत्री मेरली स्ट्रीप और जूलिया रॉबर्ट्स थी. जब एमटीवी पहली बार मुंबई में लॉन्च हुआ था तब वीजे ने 'रूप की रानी चोरों का राजा' के सेट पर श्रीदेवी को 'जूलिया रॉबर्ट्स ऑफ बॉलीवुड' से नवाजा था।

 श्रीदेवी कम से कम मैकअप में विश्वास रखती थी। उनके पास मैकअप किट के नाम पर La Prairie प्लेटिनम क्रीम, कुछ आईलाइनर और एक लिप ग्लॉस रहता था।

 श्रीदेवी ने कभी अपने पसंदीदा सहकलाकार का नाम तो नहीं बताया लेकिन उन्होंने स्वीकार किया था कि अमिताभ बच्चन ही सबसे महान हैं, हालांकि उन्होंने कभी अमिताभ के साथ काम करने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि वे मानती थीं कि अमिताभ की फिल्मों में हीरोइन के लिए कुछ काम नहीं रहता।

 अमिताभ बच्चन ने फिल्म 'चालबाज' के लिए श्रीदेवी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया था। लगभग एक दशक बाद श्रीदेवी ने उन्हें फिल्म 'ब्लैक' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया।
 श्रीदेवी को बिल्लियों से बेहद डर लगता है लेकिन सिने ब्लिट्ज के कवर के लिए उन्हें एक बिल्ली से साथ पोज देना पड़ा था।

 श्रीदेवी के लिए अधिकांश गाने आशा भोंसले और कविता कृष्णमूर्ति ने गाए हैं। लता मंगेशकर ने श्रीदेवी के सबसे लोकप्रिय सभी गाने गाए। श्रीदेवी ने खुद फिल्म 'चांदनी' का सुपरहिट टाइटल ट्रैक जॉली मुखर्जी के साथ गाया था।

श्रीदेवी पर फिल्माया 'जांबाज' का गीत 'हर किसी को नहीं मिलता' सुपरहिट रहा, जिसने 'सेक्सीनेस' शब्द के लिए एक नई परिभाषा बनाई और शिफॉन साड़ी इससे पहले कभी इतनी लोकप्रिय नहीं हुई।
 श्रीदेवी ने फिल्म 'हीर-रांझा' के लिए अपनी खुद की ड्रेसेस तैयार की थी, जो कि बिगोन एरा के चित्रों से प्रेरित थी।

 15 साल के एक लंबे अंतराल के बाद 2012 में श्रीदेवी ने फिल्म 'इंग्लिश-विंग्लिश' से वापसी की।

 निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने भारत की सभी शीर्ष अभिनेत्रियों के साथ काम किया है। उनका कहना रहा है कि जूही और माधुरी अच्छी हैं, लेकिन श्रीदेवी बेहतरीन हैं।
 श्रीदेवी ने जितेन्द्र, अनिल कपूर और ऋषि कपूर के साथ कई फिल्में की थी, लेकिन कमल हासन के साथ उन्होंने सबसे ज्यादा काम किया । लोग सोचते थे कि सेट पर इन्हें प्यार कैसे नहीं हुआ। 1983 में फिल्म 'सदमा' के बाद इस जोड़ी ने कभी साथ काम नहीं किया।
  श्रीदेवी सार्वजनिक स्थानों पर कम ही बात करती हैं लेकिन उनके बहुत करीबी जानते हैं कि वे मजेदार बातें करती हैं।

 श्रीदेवी की फिल्म 'लाड़ला' पहले दिव्या भारती कर रही थीं जिन्होंने फिल्म की लगभग आधी शूटिंग कर ली थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

 फिल्म 'बाजीगर' में शिल्पा शेट्टी और काजोल की जगह श्रीदेवी को दोहरी भूमिका निभाने के लिए लिया जाना था।
 'शक्ति' में काम करते समय उन्हें जब पता चला कि वे गर्भवती हैं तो उन्होंने अपनी पसंदीदा हीरोइन काजोल से फिल्म को करने के लिए कहा, लेकिन काजोल व्यस्त थीं इसलिए फिल्म करिश्मा कपूर की झोली में आई।
 श्रीदेवी जब टॉप पर थी तो कई फिल्मों के ऑफर उन्हें मिलते थे। उन्होंने कामयाब, होशियार, खुदगर्ज, विजय, अभिमन्यु, अजूबा, लेकिन, बेटा, डर, आइना, बाजीगर, मोहरा, अंजाम, दिल तो पागल है, युगपुरुष, करोबार, यादें, शक्ति : द पावर, बागबान जैसी कई बड़ी फिल्में ठुकरा दी थी।

 2017 में प्रदर्शित हुई 'मॉम' श्रीदेवी की 300वीं फिल्म थी और उनके फिल्म करियर के 50वें वर्ष में रिलीज हुई थी।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने फिल्म 'मॉम' में सिर्फ इसलिए काम किया, क्योंकि इसमें श्रीदेवी थी।
 आमिर खान की पसंदीदा अभिनेत्री श्रीदेवी हैं, लेकिन उन्हें कभी भी श्रीदेवी के साथ फिल्म करने का मौका नहीं मिला।
 1991 में लंदन में यश चोपड़ा की फिल्म 'लम्हें' की शूटिंग के दौरान उन्होंने अपने पिता को खो दिया। वे अंतिम संस्कार के लिए घर लौटी। इसके बाद 1997 में फिल्म 'जुदाई' की शूटिंग के दौरान उनकी मां की मृत्यु हुई।
 श्रीदेवी ने बेस्ट एक्ट्रेस के लिए 5 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते । एक बाल कलाकार के रूप में उन्हें 'पूम्बट्टा' (1971) के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिला। 2013 में भारत सरकार ने उन्हें चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा।
दुबई में एक शादी समारोह में हिस्सा लेने गई श्रीदेवी वहीं से पूरे भारत को अलविदा कह गई, ये मनहूस तारीख थी 24 फरवरी 2018.....