Friday, November 10, 2017

मुख्यमंत्री जी ! धनबाद तो आ रहे है सवालों के जवाब भी लेते आईयेगा !

13 नंवबर को झारखंड के मुख्यमंत्री धनबाद आ रहे है, उनका फूलों से स्वागत होना चाहिए और उनकी लंबी उम्र की कामना शक्ति मंदिर में होना चाहिए. बहरहाल जैसे मैने सुना की मुख्यमंत्री रघुवर दास13 नवंबर को विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे तो मैं बेचैन हो गया. मेरी बेचैनी का हर कारण बताउंगा आपको, इसका राजनीतिक आंकलन से ज्यादा बेहतर सामाजिक आंकलन हो तो मुझे बहुत संतुष्टी होगी लेकिन मुझ नाचीज की राय बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती क्योंकी मेरा महत्व महज एक वोट का है और मेरे साथ कोई हजारों वोटर भी नहीं है. लेकिन जिन्होने हजारों लाखों वोट लेकर सत्ता संभाली उनके दौरे को लेकर एक स्वस्थ्य माहौल में सवाल तो होने चाहिए. मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय का नींव रखेंगे, अच्छी बात है क्योंकि शिक्षा से ही समाज की तस्वीर बदली जा सकती है. लेकिन क्या मुख्यमंत्री धनबाद के एक किसी कॉलेज को उठा कर बता सकते है कि है इस कॉलेज और यहां पढ़ने वाले बच्चे इतने तेज है कि वो देश में किसी भी कॉलेज को टक्कर दे सकें आप, पी के रॉय कालेज से लेकर जिले का कोई भी कॉलेज उठा लिजिए ?  तस्वीर एक जैसी होगी ?  मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हाल में लाखों करोड़ों रुपए कॉलेजों के लिए जारी किए लेकिन ये चिंता 3 साल बाद क्यों हो रहीं है क्या इसलिए क्योंकि 2019 का लोकसभा चुनाव भी है औऱ काम के लिए राज्य सरकार के पास 1 साल क्योंकि अंतिम साल में तो बस चुनावी एजेंडों की छपाई औऱ दिखाई होती है.मुख्यमंत्री जी धनबाद आ रहे है तो शिक्षा के साथ कई और मामलों पर भी उनका ध्यान जिम्मेदार नागरिक होने के कारण दिलाना चाहिए. अब पानी का मसला ही ले लिजिए हर अखबार जिले के अलग अलग शहरों, कस्बों के दिक्कत से पटा रह रहा है. कहीं पानी न पहुंचने की समस्या है तो कहीं गंदा पानी लोगों तक पहुंच रहा है. जरा  महुदा तेलमच्चो का ही हाल जान लीजिए, ग्रामीण जलापूर्ति योजना के नाम पर 11 करोड़ 79 लाख रुपए खर्च किए जाने के बाद भी आम जनता को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इस योजना का उद्‌घाटन मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन किया गया था, यहां के लोग तब से ऑन लाइन ही पानी पी रहे हैं, योजना साल 2013-14 में तत्कालीन पेयजल स्वच्छता मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल के कार्यकाल में बनी थी, जिसकी स्वीकृति वर्तमान पीएचईडी मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के कार्यकाल में मिली, बड़े तामझाम गाजे-बाजे के साथ 23 जनवरी 2015 को बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो द्वारा खेलाय चंडी प्रांगण में इस योजना का शिलान्यास किया गया, जिससे पीएचईडी के आला अधिकारी, कार्य एजेंसी संवेदक मेसर्स दरोगा प्रधान के प्रतिनिधि सहित सैकड़ों लोग शामिल थे, शिलान्यास के समय लोगों के बीच उम्मीद जगी थी कि अब यहां के लोगों की पानी की समस्या का पूर्ण रूप से समाधान हो जाएगालेकिन आज तक ये योजना पूर्ण रुप से धरातल पर उतरी ही नहीं. ये जगह तो सेंपल भर है आप धनबाद के जिस कोने में भी जाएंगे वहां पीने की साफ पानी की समस्या से आप रुबरु होंगे. शिक्षा और पानी के बाद में स्वास्थ्य पर बात नहीं करुंगा बस इतना ही कहुंगा की कम से कम वोटरों के जान की चिंता सरकारों को होनी ही चाहिए. कानून व्यवस्था को लेकर बात की जाएं तो सीएम साहब की नैतिकता कई सवालों से घिर जाती है. मसलन बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो की बात करें तो सरकार उनके उपर से आपराधिक मुकदमे हटाना चाहती थी लेकिन वो तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसने इसपर रोक लगाया. सीएम साहब की पार्टी के विधायक ढुल्लू महतो को लेकर साल 2016 15 फरवरी को एक गजब की खबर सामने आई जिसपर विधायक जी पर आरोप लगा कि उन्होने रुसी कंपनी से ही रंगदारी मांग ली. इसको लेकर सीएम को चिट्ठी तर लिखी गई, विपक्ष ने सवाल किए लेकिन विधायक ढुल्लू महतो ने तमाम आरोपो को खारिज कर दिया. ये खबर एनडीटीवी से लेकर बीबीसी तक ने छापी ,लेकिन आपने इसपर क्या किया ? इसी 7 नवबर को उनके समर्थकों पर मजदूरों को बाघमारा के ब्लॉक 2 में दौडा- दौड़ा कर पीटने का आरोप लगा. सिर्फ एक विधायक ही क्यों , झरिया के विधायक संजीव सिंह को ले लिजिए, इनपर तो कांग्रेस के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के आरोप लगे, वो जेल में बंद है, लेकिन आपने उन्हे अपनी पार्टी ने बनाए रखा है क्या ऐसे लोगों का सरकार समर्थन करती है ? अगर जवाब ना में है तो फिर पार्टी की तरफ से अबतक कार्रवाई क्यों नहीं हुई आप तो सीएम है पार्टी में आपकी बात कौन काट सकता है आप कहते है कि कानून व्यवस्था बनाये रखना प्राथमिकता है तो फिर मुकदमा वापस लेने की नीति कौन सी परिपाटी का परिचय देती है हो सकता है कि मेरी बात पर आपको यकिन नहीं हो, लेकिन आपके पार्टी के ही सांसद पीएन सिंह ने कहा कि धनबाद की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, इसके जनता में आक्रोश है, विकास का काम ठप है तो फिर क्या सांसद साहब की बात भी मायने नहीं रखती वैसे तो राज्य और केंद्र में आपकी पार्टी की ही सरकार है तो फिर समन्वय क्यों नहीं है धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को लेकर आज तक कोई मुआवजे की बात हुई नहीं और आपकी पार्टी के विधायक सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे तो फिर इसे क्या समझा जाएं, ये मजह दिखावे की राजनीति है  जिससे वोटों की फसल लहलहाती है और यहीं धारा झारखंड सहित धनबाद को बर्बादी की ओर ढकेल रही है जहां विकास की संभावनाएं लाख है. आखिर में यहीं कहूंगा की सीएम साहब आएं तो उन्हें पानी जरुर बोतलबंद पिलाइयेगा.