Saturday, July 11, 2015

ए भैया व्यापमं....






ए भैया व्यापम ,तुम इतने व्यपाक क्यों हो ,
अक्षय जानना चाहते थे की तुम इतने घातक क्यों हो!
रोज नये खुलासे किये जा रहे थे ,
अक्षय द्वारा भी यही तथ्य तलाशे जा रहे थे !
भोपाल से लेकर ग्वालियर तक तुम्हारे तार जुड़े थे,
अक्षय भाई उन कड़ियों को जोड़ने के लिए खड़े थे !
एक -एक कर के सारे अहम लोग मारे जा रहे ,
अक्षय द्वारा सारे दस्तावेज जुगाड़े जा रहे थे !
झाबुआ में कुछ लोग अहम सुराग छुपाते जा रहे थे ,
अक्षय भाई अपने स्तर पर वो सुराग जुटाते जा रहे थे!
इसी बीच उन हत्यारों का पूरा तंत्र हिल गया था ,
अक्षय भाई लगता है आपको कुछ बेहद अहम मिल गया था !
हत्यारों ने एक घातक षड्यंत्र बना लिया,
अक्षय भाई उन्होंने आपका वजूद मिटा दिया !
आपके लिए न्याय की बात करते नेताओं के दिल बड़े काले थे,
अक्षय भाई आज आप नहीं है लेकिन इतना कहूँगा की आप बड़े जिगरा वाले थे ।








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